स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ शिशु का जन्म होता है

A healthy baby is born from a healthy body

देव फिटनेस एक्सपर्ट: पुराने समय की महिलाओं का स्वास्थ्य – कड़ी मेहनत और शुद्ध खान-पान का चमत्कार

 

आजकल जब भी किसी बच्चे के जन्म की बात होती है, तो अक्सर ऑपरेशन और अस्पताल की सुविधाओं का ज़िक्र होता है। शहरों में तो यह आम बात है ही, लेकिन गाँव में भी अब 90% से ज़्यादा महिलाएँ अस्पताल में ही बच्चे को जन्म देती हैं, और इनमें से बहुत सी डिलीवरी ऑपरेशन से होती हैं। देव फिटनेस एक्सपर्ट के 56 सालों के अनुभव ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है।

अगर हम पुराने समय की महिलाओं की तुलना आज की महिलाओं से करें, तो एक बड़ा अंतर नज़र आता है। पहले की महिलाएँ बिना डॉक्टर की मदद के भी स्वस्थ और मज़बूत बच्चों को जन्म देती थीं। इसका कारण था उनकी जीवनशैली और उनका खान-पान।

 

1. कड़ी मेहनत की आदत

 

पुराने समय में, महिलाएँ शारीरिक रूप से बहुत सक्रिय होती थीं। घर के सारे काम, जैसे कि आटा चक्की चलाना, पानी भरना, झाड़ू-पोछा करना, और खेतों में काम करना – यह सब उनकी दिनचर्या का हिस्सा था। यह कड़ी मेहनत उनके शरीर को मज़बूत बनाती थी और मांसपेशियों को लचीला रखती थी। यही शारीरिक श्रम उनके लिए एक तरह का प्राकृतिक व्यायाम था, जो उन्हें डिलीवरी के लिए तैयार करता था। आज की सुविधा भरी ज़िंदगी में यह शारीरिक श्रम लगभग ख़त्म हो गया है। वॉशिंग मशीन, मिक्सर और अन्य गैजेट्स ने हमारी मेहनत को कम कर दिया है।

 

2. शुद्ध और सादा खान-पान

 

आज की तुलना में, पहले का खान-पान बहुत ही शुद्ध और सादा होता था। महिलाएँ अपने खेतों से ताज़ी सब्ज़ियाँ और अनाज खाती थीं। उनके आहार में किसी भी तरह के प्रिजर्वेटिव या मिलावट वाले पैकेटबंद भोजन का इस्तेमाल नहीं होता था। वहीं, आज हमारी डाइट में गोलगप्पे, चाट, पकौड़े और अन्य तले-भुने व प्रसंस्कृत (processed) खाद्य पदार्थ शामिल हो गए हैं। ये चीज़ें हमारे शरीर को ज़रूरी पोषण नहीं देतीं, बल्कि सिर्फ़ स्वाद देती हैं, जिससे शरीर कमज़ोर होता है और बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

 

3. प्राकृतिक जीवन और तनाव से दूरी

 

पुराने समय में जीवन प्रकृति के ज़्यादा क़रीब था। हवा शुद्ध थी और तनाव आज की तुलना में कम था। शहरों में प्रदूषण और गाँवों में भी बदलते माहौल ने हवा और पानी की गुणवत्ता को प्रभावित किया है। साथ ही, आधुनिक जीवन का तनाव हमारे हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ रहा है, जिसका सीधा असर महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ता है।

 

4. देव फिटनेस एक्सपर्ट का समाधान: वापस अपनी जड़ों की ओर

 

देव फिटनेस एक्सपर्ट के अनुसार, हमें पूरी तरह से पुरानी जीवनशैली पर वापस जाने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन हमें अपनी दिनचर्या में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने होंगे:

  • सक्रिय रहें: भले ही आप घर पर हों, लेकिन रोज़ाना कम से कम 30-45 मिनट पैदल चलें, हल्के व्यायाम करें, या घर के कामों को शारीरिक मेहनत के साथ करें।
  • शुद्ध खाएं: पैकेटबंद और प्रसंस्कृत भोजन की जगह ताज़ा फल, सब्ज़ियाँ, दालें और घर का बना खाना खाएं।
  • तनाव को कम करें: योग, ध्यान और अच्छी नींद से तनाव को दूर करें।

हमारा मानना है कि गर्भावस्था कोई बीमारी नहीं है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, और अगर हम अपने शरीर का ध्यान रखें, तो इसे बिना किसी जटिलता के पूरा किया जा सकता है।

 

देव फिटनेस एक्सपर्ट से संपर्क करें

 

देव फिटनेस एक्सपर्ट सिर्फ़ सलाह नहीं देते, बल्कि आपकी सेहत की ज़िम्मेदारी भी लेते हैं। आप हमसे घर के खाने की शुद्धता की गारंटी के साथ पौष्टिक भोजन मंगा सकते हैं, जिसमें सरसों का तेल, जौ, चना, छोटी मटर और मिक्स वाला गेहूँ का आटा शामिल है। हमारे विशेषज्ञ आपको यह भी बताएंगे कि आप अपनी फिटनेस को कैसे बेहतर कर सकते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर व्यक्ति, खासकर महिलाएँ, अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।

याद रखें: स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ शिशु का जन्म होता है। देव फिटनेस एक्सपर्ट के साथ अपने स्वास्थ्य की यात्रा आज ही शुरू करें!

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